इस्लामाबाद आतंकिस्तान बन चुके पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने भारत के साथ शांति का राग छेड़ा है। जनरल बाजवा ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान और भारत को कश्मीर मुद्दे को 'गरिमापूर्ण और शांतिपूर्ण तरीके' से हल करना चाहिए। विशेषज्ञों का कहना है कि जनरल बाजवा का यह बयान एक चाल है जिसका उद्देश्य बाइडेन प्रशासन को यह दिखाना है कि हम भारत के साथ शांति चाहते हैं लेकिन वह तैयार नहीं है। साथ ही पाकिस्तानी आर्मी चीफ कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गरमाए रखना चाहते हैं। अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ कमर आगा एनबीटी ऑनलाइन से कहते हैं कि अमेरिका ने पाकिस्तान पर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए दबाव बढ़ा दिया है। अब बाजवा को यह डरा सता रहा है कि अमेरिका कश्मीर में शांति को लेकर भी कह सकता है। अमेरिका यह कहे इससे पहले ही पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने शांति की बात कहकर एक चाल चली है। आगा ने कहा, 'बाइडेन प्रेशर डाल सकते हैं कि आतंकवाद को खत्म करो, इससे पहले ही उन्होंने यह शांति का दांव चल दिया है।' 'अंतरराष्ट्रीय खबरों में यह मुद्दा अभी बना रहे' कमर आगा ने कहा, 'पाकिस्तानी सेना कभी शांति की बात करते हैं और कभी आतंकियों को समर्थन देते हैं। कभी वह यह भी कहते हैं कि अमेरिका इस मुद्दे में हस्तक्षेप करे। पाकिस्तानी सेना कई बार सैन्य तरीके से कश्मीर को पाने का प्रयास कर चुकी है लेकिन उसे सफलता नहीं मिली है। पाकिस्तानी की कोशिश अब यह है कि कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार उठाते रहो ताकि अंतरराष्ट्रीय खबरों में यह मुद्दा अभी बना रहे। यह कहा जाए कि इसका शांतिपूर्वक समाधान होना चाहिए। साथ ही आतंकियों का समर्थन करते रहो।' उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख शांति की बात जनता के बीच क्यों कह रहे हैं, अगर वह शांति चाहते हैं तो उन्हें भारतीय दूतावास को ऑफर देना चाहिए। क्या बोले थे पाकिसतानी पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल बाजवा ने मंगलवार को कहा था कि पाकिस्तान और भारत को कश्मीर मुद्दे को 'गरिमापूर्ण और शांतिपूर्ण तरीके' से हल करना चाहिए। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान और भारत को जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को जम्मू-कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप गरिमापूर्ण और शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाना चाहिए।' उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक शांतिप्रिय देश है जिसने क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए बहुत बड़े बलिदान दिए हैं। बाजवा ने कहा, 'हम परस्पर सम्मान और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के आदर्श पर चलने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। यह सभी दिशाओं में शांति का हाथ बढ़ाने का समय है।’ 'कोई न समझे कमजोर' हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि शांति की इच्छा को कोई कमजोरी न समझे। पाकिस्तान की सेना किसी भी खतरे को खत्म करने की क्षमता रखती है और तैयार है। पाकिस्तानी सेना के अध्यक्ष ऐसे वक्त में शांति की दुहाई दे रहे हैं, जब गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव कर यथास्थिति बदलने की कोशिश की गई है। वहीं, कई अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स में यह माना गया है कि पाकिस्तान की धरती पर ऐसे आतंकियों को पनाह दी जा रही है जो भारत में खून-खराबा करते हैं।
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