
इस्लामाबाद पाकिस्तान में प्रधानमंत्री और पाक सेना के गठजोड़ पर हमलावर के खिलाफ अब कार्रवाई का दौर शुरू हो गया है। कुछ दिन पहले ही इमरान सरकार ने नवाज शरीफ की गिरफ्तारी के लिए लंदन वांरट भेजा था। इसके बाद नवाज के छोटे भाई और विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। अब पाकिस्तानी सरकार के इशारे पर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की निगरानी करने वाली संस्था ने नवाज शरीफ के भाषण के प्रसारण पर रोक लगा दी है। पेमेरा में अधिकतर इमरान के खास लोग पाकिस्तान में इलेक्ट्रानिक मीडिया के नियामक का काम पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण (पेमरा) करती है। इसके सदस्यों में अधिकतर सरकार से जुड़े लोग ही बैठे हैं। नवाज शरीफ ने जैसे ही लंदन से इमरान सरकार और के गठजोड़ का खुलासा करना शुरू किया, फौरन प्रशासनिक अमला हरकत में आया और उनके भाषण पर प्रतिबंध लगा दिया गया। नवाज शरीफ का नाम लेते हुए जारी किया आदेश पेमरा ने नवाज शरीफ का साफ तौर पर संदर्भ देते हुए अपने बयान में कहा कि पेमरा को भगोड़े और घोषित अपराधी के भाषण को प्रसारित करने के लिए कई चैनलों के खिलाफ शिकायत मिली है। भगोड़े और घोषित अपराधियों के भाषण, साक्षात्कार और जन सभा का प्रसारण और पुन प्रसारण करने पर रोक है। लाइसेंस निरस्त करने की धमकी निगरानी संस्था (पेमरा) ने इस आदेश पर अमल करने में असफल होने पर कार्रवाई की भी चेतावनी दी है। संस्था ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर लाइसेंसधारक इन निर्देशों का अनुपालन नहीं करते हैं तो प्राधिकरण पेमरा अध्यादेश की धारा-29 और 30 के तहत कार्रवाई करेगा जिसका नतीजा जुर्माना और लाइसेंस के स्थगित करने या लाइसेंस रद्द करना हो सकता है। नवाज के मुंह पर क्यों लगाया ताला? पाकिस्तानी सेना के बारे में यह आम धारणा है कि वह इमरान सरकार का कठपुतली की तरह प्रयोग कर रही है। ऐसे में अगर पाकिस्तान का पूर्व प्रधानमंत्री लंदन से इस बात की पुष्टि करता है तो पाकिस्तान सरकार और सेना की छिछालेदर होनी तय है। इसलिए, अपने बचाव के लिए नवाज शरीफ के भाषण पर आनन-फानन में रोक लगाई गई है। वहीं, संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंधित हाफिज सईद जैसे आतंकियों का भाषण खुलेआम पाक मीडिया में प्रसारित किया जाता है।
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